- गाजियाबाद में आई निवेशकों की बाढ़
- अबतक 69,323 करोड़ रुपये का एमओयू हुआ जेनरेट, विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए निवेशक दिखा रहे हैं दिलचस्पी
कमलेश पांडेय/विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। औद्योगिक नगरी गाजियाबाद में 80 लाख करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य के मुकाबले अभी तक 89,310 करोड़ रुपए के निवेश के लिए उद्यमियों ने हामी भर दी है, जिसके लिए एमओयू साइन किए जा रहे हैं। वहीं, उत्तर-प्रदेश में आगामी फरवरी माह में होने वाली इन्वेस्टर सम्मिट से पहले जिले में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। यह जानकारी गाजियाबाद के जिलाधिकारी व गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रभारी उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने रविवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी है।
उन्होंने बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश में होने वाले कुल निवेश का लगभग 22 प्रतिशत निवेश गाजियाबाद जिले में होने जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि आगामी 25 जनवरी को होटल रेडिसन ब्लू, कौशाम्बी में जिला स्तरीय इन्वेस्टमेंट समिट की जा रही है, जिसमें निदेशकों को सभी विभागों द्वारा उपलब्धता का प्रदर्शन किया जाएगा।
बता दें कि जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जनपद में अधिक से अधिक निवेश को आकर्षित करने के लिए कुछ यादगार पहल किये हैं, जिससे उद्योग जगत में एक भरोसा क़ायम हुआ है। नतीजास्वरूप ग़ाज़ियाबाद में परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं। आलम यह है कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से सटे औद्योगिक नगरी गाजियाबाद में निवेश (इन्वेस्टमेंट) के लिए हर क्षेत्र के निवेशक (इन्वेस्टर्स) आगे आ रहे हैं और यहां से जुड़े अधिकांश निवेश प्रस्ताव में काफी अभिरुचि ले रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में जिलाधिकारी सिंह ने बताया कि
उत्तर प्रदेश को औद्योगिक विकास में आगे बढ़ाने और जनता को अधिक से अधिक रोज़गार-स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने जनहित मिशन को कामयाब बनाने के लिए देश-दुनिया के उद्योग जगत को प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। उनकी दूरदर्शितापूर्ण कोशिशों को और अधिक परवान चढ़ाने के लिए लौह नगरी ग़ाज़ियाबाद भी सजग है और हमारी जिलास्तरीय टीम जी जान लगा अपने मिशन में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि जनपद में अधिक से अधिक निवेश आने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि निवेशकों को गाजियाबाद प्रशासन व अन्य संबंधित विभागों द्वारा मास्टर प्लान से लेकर तमाम सुविधाओं को लेकर भरोसा दिलाया गया है। यही कारण है कि हर क्षेत्र के निवेशक इसमें रूचि ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, तकनीक आदि के क्षेत्र में निवेशक आगे आ रहे हैं। जिसका एक प्रमुख कारण रैपिड रेल भी है। उन्होंने कहा कि रैपिड रेल इसी वर्ष चालू हो जाएगी, जिसका सकारात्मक असर निवेशकों के ऊपर दिख रहा है। साथ ही शहर की परिवहन व्यवस्था को ठीक करने के लिए महानगर परिवहन में इलेक्ट्रिक बसें जोड़ी जा रही हैं। वहीं, जीडीए का नया मास्टर प्लान भी इसका एक अहम कारण है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि स्थानीय निवेशकों के साथ-साथ दूसरे राज्यों के अन्य निवेशक भी इसमें रुचि ले रहे हैं। इनमें कुछ विदेशी निवेशक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस इन्वेस्टमेंट से पांच लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। वहीं, बड़े पैमाने पर स्वरोजगार के भी उतपन्न होने की संभावना है। उन्होंने आगे बताया कि निवेशकों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए निवेश मित्र पोर्टल का सरलीकरण किया जा रहा है। साथ ही निवेशकों की हर समस्या के निस्तारण के लिए समय सीमा भी निर्धारित की गई है, ताकि निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल मिले। उन्होंने बताया कि इंफोसिस, कार्बन एक्सचेंज, पावर फाइनेंस, पावर ग्रिड, सोलर एनर्जी जैसे निवेशक जनपद क्षेत्र में निवेश करने के लिए तैयार हो रहे हैं, जो महत्वपूर्ण बात है।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य मलिक, जीएमडीसी श्रीनाथ पासवान, यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक डीजे मौर्य, अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।