- केंद्रीय बजट एक व्यापक और प्रगतिशील बजट है, जो सुनियोजित तरीके से भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र में होने वाले विकास के मापदंड को बताता है।
- यह बजट व्यापार एवं लघु उद्योग के चरणबद्ध विकास, स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य सेवाओं में मजबूत विकास के पैरामीटर्स को रेखांकित करता है।
गाजियाबाद (कमलेश पांडेय/विशेष संवाददाता)। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा बुद्धवार को प्रस्तुत केंद्रीय बजट एक व्यापक और प्रगतिशील बजट है, जो सुनियोजित तरीके से भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र में होने वाले विकास के मापदंड को बताता है। वहीं, व्यापार एवं लघु उद्योग के चरणबद्ध विकास, स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य सेवाओं में मजबूत विकास के पैरामीटर्स को रेखांकित करता है।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव तिलक राज अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान हालातों में कुल मिलाकर इस बजट के जरिये अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने का प्रयास किया गया है! बजट के प्रावधानों से जहां घरेलू व्यापार में नये अवसर मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर देश के निर्यात व्यापार को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री द्वारा बजट में 7 प्राथमिकताओं की घोषणा की गई है, जिसके ज़रिए उन्होंने कोशिश की है कि बाज़ार में ज़्यादा से ज़्यादा पैसा आये जिसका प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष लाभ व्यापारियों को मिलेगा।
व्यापारी नेता तिलक राज अरोड़ा ने आगे कहा कि आय कर के पाँच स्लैब बनाना तथा व्यक्तिगत आयकर छूट को 7 लाख करना वित्त मंत्री का साहसिक कदम है। बजट में लोगों को उद्यम की ओर प्रोत्साहित करना भी एक बड़ा कदम है, वहीं डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाना तथा अनेक वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी को घटना प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि भारी बाधाओं और घरेलू और वैश्विक दबाव के बीच जिस तरह से उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को परिभाषित किया है तथा विकास के भविष्य के एजेंडे को सबसे प्रभावशाली तरीके से बजट के जरिये प्रस्तुत किया है, वह उम्दा कोशिश है, जो प्रशंसनीय है।
व्यापारी नेता तिलक राज अरोड़ा ने कहा कि हालांकि हमें खेद है कि जीएसटी कर ढांचे के सरलीकरण और युक्तिकरण के संबंध में कुछ भी ठोस घोषणा नहीं की गई है जो “एक बाजार-एक कर” के सिद्धांत के विपरीत है। इसके साथ ही ई-कॉमर्स में विदेशी कंपनियों द्वारा प्रदर्शित किए जा रहे मनमाने रवैये पर भी कोई बात न कहने से देश भर के व्यापारियों में बहुत निराशा है। फिर भी अर्थ की दृष्टि से यह एक दूरदर्शी बजट है जिसमें युवाओं और डिजिटल करेंसी पर ध्यान दिया गया है। वहीं, बैंकिंग का डिजिटलीकरण ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर तरीके से जोड़ेगा तथा उनके जरिये बाजार में पैसा आने की संभावनाएं बढ़ेंगी। वहीं, जीएसटी में सुधार के लिए कुछ ना करके उन्होंने निराश ही किया है।
फोटोकैप्शन:- तिलक राज अरोड़ा, राष्ट्रीय सचिव,
कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल ट्रेडर्स (कैट)