@ हिन्द आत्मा वेब सेवा
देववृंद, सहारनपुर। बुधवार को देववृंद के युवाओं ने स्वामी दीपांकर की भिक्षा यात्रा का मानव श्रृंखला बनाकर पुरज़ोर समर्थन किया। बता दें कि पिछले 57 दिनों से लगातार चलती भिक्षा यात्रा, प्रतिदिन नए लक्ष्य तय कर रही है। इस यात्रा में प्रतिदिन सनातन जगत के लोगों का अधिक से अधिक संख्या में जुड़ना इस बात का प्रमाण है कि जातियों में विभाजित हिन्दू भी अब एक होना चाहता है, हर सनातनी अब एक होना चाहता है, परस्पर एक परिवार की तरह रहना चाहता है।
बताते चलें कि स्वामी दीपांकर के नेतृत्व वाले मानव श्रंखला का एक संदेश साफ़ था कि अगर हम जातियों में बँटे हैं तो बूँद भर हैं और अगर हिंदू हैं 100 करोड़ है। इसलिए समकालीन भिक्षा यात्रा सनातन बन्धुओं को जोड़ने का, उन्हें परस्पर एक सूत्र में पिरोने का, उनके हिंदू होने का एहसास करा रही है, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। स्वामी दीपांकर जगह जगह पर लोगों को बताते हैं कि जातिगत जनगणना कराकर हिंदुओं को जाति में बाँटना आसान है, मगर उन्हें एकजूट करते हुए बतौर हिन्दू, बतौर सनातनी एक जगह जुटाना बहुत मुश्किल है। हालांकि, स्वामी दीपांकर की मौजूदा भिक्षा यात्रा जातियों में बँटे सनातन को एक करने की वह भगीरथ कोशिश है जो एक न एक दिन अवश्य सफल होगी।
उन्होंने बताया कि उनकी भिक्षा यात्रा का मुख्य उद्देश्य है पहले राष्ट्र-नो कास्ट। और ऐसा हम करके रहेंगे। क्योंकि इतिहास साक्षी है कि वृथा न जाये देव ऋषि वाणी, यानी देवताओं व ऋषियों की वाणी कभी व्यर्थ नहीं होती है। जो वह चिंतन करते हैं, जो वह देश-दुनिया को संदेश देते हैं, वह अपना अस्तित्व अवश्य साकार करता है और हिंदुओं की एकजुटता, सनातनियों की आत्मीयता का हमारा ध्येय भी जल्द पूरा होगा, ऐसा हमें दृढ़ विश्वास है।