कमलेश पांडेय/विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। रविवार को सुशासन दिवस के मौके पर सुनील कुमार शर्मा, विधायक साहिबाबाद एवं सभापति- स्थानीय निकाय जांच सम्बंधी समिति उत्तर प्रदेश विधानसभा ने अपने समर्थकों के साथ जनसम्पर्क कार्यालय राजेन्द्र नगर पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन किया तथा जरूरतमंद लोगों के बीच कंबल वितरण किए।
इस अवसर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए सुनील शर्मा ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास में काफ़ी महत्वपूर्ण है। आज महामना मालवीय जी और अटल जी जैसे उदारमना व्यक्तियों की जयंती है। इन दोनों महान विभूतियों को मैं कोटि कोटि नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि भारत के लिए उनका योगदान अमिट है। उनका नेतृत्व और दूरदृष्टि लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
उन्होंने बताया कि अटल जी एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे। किशोर अवस्था से लेकर जीवन के अंत तक यानी कि उनके शरीर ने जब तक साथ दिया वो जीए तो अपने देश के लिए, देशवासियों के लिए, अपने उसूलों के लिए, समान मानवी के अरमानों के लिए। उन्होंने आगे कहा कि एक विचार के प्रति प्रतिबद्धता के कारण, राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण होने के कारण, शून्य में से सृष्टि का निर्माण कैसे होता है, उसे करने वालों में एक महापुरुष अटल बिहारी वाजयपेयी का नाम अग्रिम पंक्ति में है। उनके समृद्ध और विकसित भारत के संकल्प को दोहराते हुए मैं हम सब की ओर से अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
वहीं, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “मधुर मनोहर अतीव सुंदर यह सर्वशिक्षा की राजधानी” नामक काशी हिंदू विश्वविद्यालय का यह कुलगीत वास्तव में काशी की उस ज्ञान परंपरा को सूक्ष्मता से परिभाषित करता है, जिसकी नींव उन्होंने अपने करकमलों से रखी थी। उन्होंने बताया कि विश्व के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय की संकल्पना पंडित मदन मोहन मालवीय ने सोची और उसे 4 फरवरी 1916 में मूर्त रूप दिया। उन्होंने विद्या के भव्य मंदिर के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण किया। उनका मानना था कि विश्वविद्यालय के विशाल भवन के समान ही वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के विचार भी विशाल होंगे। जो देश प्रेम के साथ भारत की विकास यात्रा को पूर्ण करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय में आयुर्वेद संकाय के ठीक सामने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान संस्थान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान के सामने कृषि विज्ञान संस्थान का निर्माण कराया गया है, जो परंपरा के साथ आधुनिक शिक्षा पद्धति के विचार के संतुलन को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। महामना का मानना था कि विद्यार्थियों के पास सभी तरह के ज्ञान को प्राप्त करने के समान अवसर होने चाहिए। महामना ने विश्वविद्यालय में ज्ञान के संचार को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न महापुरुषों को जोड़ने का प्रयास भी किया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन विश्वविद्यालय के कुलपति बने और उन्हें 9 वर्ष विश्वविद्यालय में अपनी सेवा दी।
इस मौक़े पर कुलदीप कसाना मंडल अध्यक्ष, राजन आर्य मंडल अध्यक्ष, विनोद शर्मा पार्षद, आलोक शर्मा पार्षद, योगेश चौधरी पूर्व पार्षद, अशोक भाटी, सोनू बंसल, विजेंदर, चंद्रभूषण, मेहर चंद पाल, जय कुमार शर्मा, दिलीप शर्मा वार्ड अध्यक्ष, अशोक भाटी, वीरेंद्र मिश्रा, विपिन डागर, पुष्पेंद्र चौधरी, परवीन कुमार, विशाल शर्मा, आकाश चौधरी, मोहित गुप्ता, अमित कल्याणी, पवन रेड्डी, जीतू ठाकुर, मदन राय आदि मौजूद रहे।
