- “यह एक लोक कल्याणकारी बजट है, जो सर्वहितैषी है। इससे देश और देशवासियों यानी सबका भविष्य समुज्ज्वल बनेगा। यह बजट गाँवों, गरीबों, किसानों, मजदूरों, कारीगरों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला साबित होगा। इसमें शहरी लोगों और शहरी आधारभूत ढांचों के विकास का भी समुचित ख्याल रखा गया है।”
@ मनोज गोयल/उद्यमी, समाजसेवी एवं भाजपा नेता
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अमृत काल खण्ड 2022-47 का पहला आम बजट 2023-24 गत दिनों संसद के पटल पर रखा, जिसकी सभी ने सराहना की। यह एक लोक कल्याणकारी बजट है, जो सर्वहितैषी है। इससे देश और देशवासियों यानी सबका भविष्य समुज्ज्वल बनेगा। यह बजट गाँवों, गरीबों, किसानों, मजदूरों, कारीगरों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला साबित होगा। इसमें शहरी लोगों और शहरी आधारभूत ढांचों के विकास का भी समुचित ख्याल रखा गया है।
आम बजट देश में ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों सहित पूरे देश के समग्र विकास को एक समर्पित बजट है। यह इस बात को अभिव्यक्त करता है कि यदि अगले 25 वर्षों तक इसी तरह से समाज के सभी लोगों का बरीकीपूर्वक ख्याल रखा गया तो देश की अर्थव्यवस्था को सर्वोच्च मुकाम मिल सकता है। बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे 9 वर्षों के संघर्षों और देश वयह देशवासियों के लिए संजोए हुए सपनों को एक आकार देता है, जिसे साकार करने के लिए उनके मिशन 2024 को पूरा करने हेतु हम सबको खुद को न्यौछावर कर देना चाहिए।
सच कहूं तो यह बजट माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है, जिससे सबके सपनों को एक नई और मनचाही उड़ान मिलेगी। इस नजरिए से यह बजट ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने पर जोर देने वाला बजट है। यह दुनिया में सबसे तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला और भारत को सुपर इकोनॉमिक पावर बनाने वाला बजट है। इसलिए ऐसे सर्व-स्पर्शी, सर्व-समावेशी एवं देश के जन-जन और हर क्षेत्र के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट के लिए हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं उनकी पूरी टीम का हार्दिक अभिनंदन करते हैं।
इस बात में कोई दो राय नहीं कि आम बजट 2023-24 का एजेंडा नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना है। इस लिहाज से अमृत बजट में 7 अर्थात् सप्तर्षि प्राथमिकताएं सुनिश्चित की गई हैं, जिनमें समावेशी विकास, लास्ट माइल डिलीवरी, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और क्षेत्र की मजबूती शामिल है। सच कहूं तो यह बजट महज वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए अगले 25 से 50 साल हेतु विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है, जिससे देशवासियों में एक नई उम्मीद जगी है। आशा की नई किरणों का संचार हुआ है।
देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बजट के माध्यम से पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करते हुए मध्य वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक तोहफा दिया है, जिसके तहत अब नौकरी पेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, टैक्स स्लैब को भी घटा कर 5 तक सीमित कर दिया गया है। वहीं, मोटे अनाज उगाने के मोर्चे पर भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत ‘श्री अन्न’ का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने के लिए हम कटिबद्ध हैं। इस दिशा में हैदराबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च स्थापित करना एक बहुत बड़ा कदम है, जिसके लिए किसान-मजदूर उनका तहेदिल से अभिनन्दन करते हैं।
वहीं, पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किये जाने का निर्णय मोदी सरकार की आदिवासी विकास के प्रति गंभीरता को दिखाता है। इस योजना के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है जिससे पीबीटीजी बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाना और अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाने का निर्णय सराहनीय है। सरकार द्वारा पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किये जाने के निर्णय भी प्रशंसनीय है।
इसके अतिरिक्त, युवा उद्यमियों द्वारा कृषि- स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि त्वरक कोष की स्थापना का निर्णय भी एक दूरदर्शिता भरा कदम है जो कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद की जाएगी। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे। 6,000 करोड़ रुपये के फंड से पीएम मत्स्य संपदा योजना की नई उप-योजना मछुआरे, मछली विक्रेताओं और इस क्षेत्र के माइक्रो और स्मॉल उद्यमियों को और सशक्त बनाएगी। वहीं, युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए पीएम कौशल विकास योजना 4.0 की घोषणा सर्वथा स्वागतयोग्य कदम है। इसके तहत देश भर में 40 स्किल इंडिया सेंटर्स स्थापित किये जायेंगे। 3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को वजीफा सहायता प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा।
नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने का निर्णय भी स्वागत योग्य है। इसमें महिलाओं को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग्स एकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट को भी 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए करने का निर्णय भी एक अच्छी पहल है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की लिमिट को भी 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। ये योजनायें महिला सशक्तिकरण और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
वर्ष 2023-24 का आम बजट ‘ग्रीन ग्रोथ’ के लक्ष्य का आधार है। नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। सरकार का 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का फंड दिया गया है। वहीं, 5जी सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी। इन लैब्स में स्मार्ट क्लासरूम, प्रिसाइजन फार्मिंग, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर जैसे फील्ड्स के लिए ऐप्स तैयार होंगे।
वहीं, रेलवे के लिए 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है जो कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय के 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है। इन्वेस्टमेंट खर्च को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया गया है जो 2019-20 की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक है। राज्यों को मिलने वाले इंटरेस्ट फ्री लोन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। साथ ही इसकी पूंजी को भी 1.30 लाख करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है। इस बजट में पीएम आवास योजना का बजट बढ़ कर 69 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है। पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाती है कि नरेन्द्र मोदी सरकार गरीबों के लिए कितनी संवेदनशील है।
कोरोना संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उपजे वैश्विक संकट के बावजूद देश के बजट का आकार बढ़ाकर 45 लाख करोड़ रुपये करना भी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 2047 तक अनीमिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लैडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा। सरकार शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए हर साल 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देगी। एमएसएमई को 9 हजार करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी। इससे उन्हें दो लाख करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा कोलेटरल फ्री क्रेडिट भी मिल सकेगा। यह घरेलू अर्थव्यस्था को एक नई मजबूती देगी और इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
वहीं, देश में पर्यटन विकास के लिए 50 पर्यटन स्थलों की पहचान की जाएगी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को संपूर्ण पैकेज के रूप में इन्हें विकसित किया जाएगा। वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट आइटम को बढ़ावा दिया जाएगा। जैव विविधता, कार्बन स्टॉक, इको टूरिज्म के अवसरों और स्थानीय समुदायों के लिए आय बढ़ाने के लिए अगले 3 वर्षों में अमृत धरोहर योजना लागू की जाएगी। 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश पर सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गोबर्धन योजना के तहत 500 नए वेस्ट-टू-वेल्थ प्लांट स्थापित किए जाएंगे। कुल मिलाकर, यह बजट आजादी के 100 साल बाद यानी 2047 के सामर्थ्यवान भारत की परिकल्पना का बजट है । इस बजट में समाज के सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है, जो इस बात को इंगित कर रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और देश उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।