सनातन धर्म का अपमान पूरी मानवता का अपमान है : श्रीमहंत नारायण गिरि

  • हजारों साधु-संतों ने नई दिल्ली में तमिलनाडु भवन पर किया प्रदर्शन।
  • सनातन धर्म का अपमान करने वालों का पुतला फूंका।
नई दिल्ली। सनातन धर्म को लेकर स्टालिन उदयनिधि, प्रियांक खड़गे एवं डी राजा द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ सोमवार को देश के साधु-संतों ने तमिलनाडु भवन पर अपनी एकजुटता दिखाई। सनातन धर्म विरोधियों का पुतला दहन कर साधु-संतों ने अपना रोष जताया और चेतावनी दी कि  राजनीतिक स्वार्थ के कारण से सनातन का अपमान करने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा। श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के नेतृत्व में तमिलनाडु भवन पर हुए विरोध प्रदर्शन मैं श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म का ऐसा अपमान होने के बाद भी सरकारों का इस पर चुप्पी साधना और कोई कार्रवाई ना करना बहुत ही आश्चर्य की बात है। सनातन धर्म का अपमान पूरी मानवता का अपमान है और ऐसा करने वाले को व्यक्ति को अविलंब गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं किया गया जिसका गलत संदेश समाज में जा रहा है और वातावरण विषादपूर्ण वातावरण हो रहा है। सरकार को बताना चाहिए कि आखिर सनातन समाज के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
 श्रीमहंत नारायण गिरी ने कहा सनातन विरोधियों की हेट स्पीच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका पर नोटिस लिया है। गाली-गलोच की भाषा से लोकतंत्र का अपमान होता है और संप्रदायों में वैमनस्य पैदा करती है। अतः हम आशा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में पूरा विचार करके इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का आदेश देगा।
दिल्ली संत महामण्डल के संस्थापक मार्गदर्शक स्वामी राघवानन्द महाराज ने कहा कि सभी राजनीतिक नेता अपने स्वार्थ के लिए किसी भी धर्म के खिलाफ बोलना बंद करें। हमारा कहना है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्वयं सनातन धर्म के लिए माफी मांगे और जो भी इस प्रकार के दोषी व्यक्ति हैं उनको दंड दे। अन्य राजनैतिक दलों के प्रमुख भी इस प्रकार की अशोभनीय बात करने वालों को अपने दल से निष्कासित करें।
महामंडलेश्वर महन्त नवल किशोर दास ने  कहा कि आज जिस तरह दिल्ली के तमिलनाडु भवन पर सनातन धर्म को मानने वाले सभी साधु-संत बन्धु व भगिनी हजारों की संख्या में एकत्रित हुए हैं, वह यह दर्शाता है कि सनातन धर्म का विरोध करने वालों के दिन अब जाने वाले हैं। सनातन धर्म विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार का ही सदस्य मानता है और सबके प्रति दयाभाव रखता है, मगर इसका मतलब यह नहीं कि कोई कुछ भी बोलता रहेगा और सनातन धर्म को मानने वाले चुप बैठे रहेंगे। यह धर्म अपने खिलाफ होने वाले हर प्रकार के षडयंत्रों का मुंह तोड जवाब देना जानते हैं।
उन्होंने कहा कि संत समाज इस विषय को तमिलनाडु में भी उठाएंगे। साथ ही तमिलनाडु के राज्यपाल से भी मिलेंगे और उन्हें संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए भी कहेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में भाषा की शालीनता जरूरी है। स्टालिन उदयनिधि, प्रियांक खड़गे एवं डी राजा तर्क नहीं दे रहे हैं, बल्कि गालियां तक दे रहे हैं। धमकी दे रहे हैं कि वे केवल विरोध नहीं करेंगे, अपितु सनातन को समाप्त करेंगे। यह उनका अभिमान व हताशा है। सनातन धर्म को मुगलों का अत्याचार और अंग्रेजों की चतुराई भी समाप्त नहीं कर सकी तो ऐसे लोग जिनका कोई वजूद ही नहीं है, वे सनातन धर्म को क्या खत्म करेंगे। सनातन धर्म विश्व बंधुत्व, प्रेम और शांति का प्रतीक है और सदैव रहेगा। विरोधी परास्त होंगे औक्र एक दिन उन्हें भी सनातन धर्म की शरण में ही आना पडेगा।
महामंडलेश्वर श्री महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत कालिका पीठ, महंत स्वामी रामदास, पूरणदास उदासीन,  साध्वी विद्यागिरी, महामंडलेश्वर कंचन गिरि संगठन महामंत्री, महामंडलेश्वर महंत धीरेंद्र पुरी कोषाध्यक्ष श्री महन्त सोम गिरी महाराज, महन्त मंगलदास उदासी कोतवाल दिल्ली संत महामण्डल सहित विहिप दिल्ली प्रांत मंत्री सुरेन्द्र गुप्ता, भूषण लाल पराशर अध्यक्ष, अशोक सचदेवा उपाध्यक्ष सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के अध्यक्ष जय भगवान गोयल, सनातन धर्म रक्षा मंत्र के मीडिया प्रमुख सतीश अलग, बिट्टू बजरंगी मेवात हरियाणा के अलावा निहंग हरदीप सिंह आदि हजारों साधु-संतों ने प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई।

 

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