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गाजियाबाद। मेधाविनी सिंधु सृजन पूर्वी विभाग द्वारा ‘परिवार समाज की महत्वपूर्ण इकाई’ विषय पर सनराइज ग्रीन सोसायटी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर निशा राणा, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती उषा श्रीनिवास की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का आरंभ कार्यक्रम की आयोजिका व वक्ता डॉ. ममता कुमारी द्वारा प्रो. निशा राणा और श्रीमति उषा जी के परिचय द्वारा आरंभ किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली बहनें जैसे अधिवक्ता, डॉक्टर, सीएमओ, सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ कार्यकर्ता, अध्यापक तथा गृहणियों ने भागीदारी दी। कार्यक्रम में डॉ.पूजा शर्मा की भी विशेष उपस्थिति रही। चर्चा सकारात्मक रूप में आगे बढ़ते हुए बातचीत और प्रश्नोत्तरी के रूप में अनेक बिंदुओं को हल करते हुए सफल रही। कार्यक्रम में बहनों की कुल संख्या 55 से 60 के बीच रही। प्रो. निशा राणा ने अपने वक्तव्य में मेधाविनी 26 देशों में सशक्त रूप से कार्य कर रही है। भारतीय समाज पश्चिमी देशों का अंधानुकरण कर रहा है, पश्चिमी देशों द्वारा मान्यता या स्टैंप लगाए जाने पर भारतीय किसी भी वस्तु विशेष को प्रमाणिक मानते हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति को अपना स्पेस चाहिए। पुरातन संस्कृति में घर में मां द्वारा बनाए भोजन मे मां का वात्सल्य संतान की क्षुधा शांत करता था। मानसिक रोग पश्चिमी देशों की उपज हैं जो धीरे धीरे विभिन्न माध्यमों द्वारा भारत में प्रवेश कर रहे हैं। ईएमआई नामक बीमारी बैंको व मार्केट की सोची समझी चाल है आदि विषयों को सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया। श्रीमती उषा श्रीनिवास ने भी समाज में सिर उठाते अनेक बिंदुओं को कानूनी दांवपेंचो और तर्को द्वारा प्रस्तुत किया। हमें अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाना होगा इसी में सभी का कल्याण है। मां को अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाह भलीभांति करना होगा।
अंत में सभागार में उपस्थित सभी बहनों की जिज्ञासाओं को बड़ी सरलता से शांत किया गया। कार्यक्रम के अंत में चाय पर चर्चा के दौरान भी बातचीत का दौर चलता रहा। आज का कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल रहा।जिसके लिए प्रो.निशा राणा और श्रीमति उषा श्री निवास का हृदयतल से बहुत बहुत आभार जताया।