स्कूली बच्चों में दया की भावना जगाने के लिए करुणोत्सव-2023 का आयोजन

  •  सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम एम सुंदरेश ने किया उद्घाटन।

डॉ. आर. बी. चौधरी

चेन्नई (तमिलनाडु)। चेन्नई के ए एम जैन कॉलेज के महावीर भगवान ज्ञान भवन ऑडिटोरियम में स्कूली बच्चों में जीव दया और करुणा की भावना जागने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था-करुणा इंटरनेशनल द्वारा वार्षिक सम्मेलन-‘करुणोत्सव 2023’ आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम.एम. सुंदरेश ने देशभर के विभिन्न कौने-कौने से आए शिक्षकों को संबोधित करते हुए यह कहा कि किसी भी सृजन कार्य में जिस व्यक्ति का हाथ होता है, वह दिखाई नहीं देता। लेकिन, इसका मतलब किया यह नहीं कि उसका महत्व नजरअंदाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम गौर करें तो उन आदमियों की विशिष्ट बनाने की भूमिका या सकारात्मक कार्य हमें स्पष्ट दिखाई देगा। उन्होंने अपनी व्याख्यान के सारांश में विद्यार्थियों की व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को बड़े ही प्रभावी ढंग से बताया और इसे शिद्दत से करते रहने की शिक्षकों को सलाह दी।

न्यायाधीश एम.एम. सुंदरेश अपने आधे घंटे के व्याख्यान में अनेक महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया जिसमें बच्चों में जीव दया, करुणा और पर्यावरण संरक्षण के बारे में उनके अंदर भावना जागृत करने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में दो तरह के आदमी होते हैं,एक ऐसा होता है जो इस तरह की बातों में विश्वास रखता है और उसकी कोई रुचि नहीं होती है और दूसरा व्यक्ति वह होता है, जिसका इस तरह के कार्यों में कोई रुचि होती और वह समर्पित भाव से कार्य करता है।

इस मामले में बाल मन में सकारात्मक बातों को लेकर बच्चों के व्यक्तित्व को विकसित के लिए शिक्षक की भूमिका अहम होती है। हर विशेष व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का बहुत बड़ा महत्व है। इस बात की पुष्टि करते हुए कई उदाहरण दिए और कहा कि हर सृजनात्मक उद्देश्य के पीछे किसी न किसी का हाथ होता है, भले वह दिखाई नहीं दे लेकिन उसकी भूमिका छिपाई नहीं जा सकती। यह बता दें कि न्यायाधीश एम.एम.सुंदरेश के कई ऐतिहासिक फैसले जीव जंतुओं के रखरखाव और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित है।

करुणा इंटरनेशनल द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में बच्चों में जीव दया और करुणा पर आधारित व्याख्यान के अलावा, बच्चों में पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के बारे में भी व्याख्यान रखा गया । एनवायरमेंटल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के फाउंडर ट्रस्टी अरुण कृष्णमूर्ति में बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटी-छोटी बातों के माध्यम से उन्हें पर्यावरण प्रेम सीखने का तरीका बताया और जल संरक्षण के लिए पुरातन काल से लेकर वर्तमान में जल व्यवस्था की हालात-‘हाइड्रोस्तान (शॉर्ट फिल्म)’ के माध्यम से एक बेहद रोचक एवं सूचनाप्रद प्रस्तुति पेश किया। लावारिस पशुओं को बचाने और उनकी देखभाल करने के लिए तमिल नाडु के तिरुवथुर से आए एक पशु प्रेमी, साईं गणेश लोगों को आगे आने के लिए अपील किया। उन्होंने एक गाय को एक कसाइ के हाथ से बचने की प्रेरक कहानी भी बताई। कार्यक्रम में देशभर से आए 13 राज्यों से शिक्षकों ने अपनी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर स्कूली शिक्षा से अलग कुछ करने की मिसाल पेश की।

करुणा इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष सुरेश कांकरिया ने देशभर से आए सभी शिक्षकों से स्कूलों में बच्चों से करुणा किचन गार्डन आरंभ करने की अपील की ताकि पर्यावरण संरक्षण संवर्धन का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा सके। करुणोत्सव 2023 के कोऑर्डिनेटर प्रमोद जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम में 250 से अधिक शिक्षक- शिक्षिकाएं शामिल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि करुणा इंटरनेशनल की स्थापना 1995 में की गई थी। जिसको उल्लेखनीय कार्य के लिए भारत सरकार के भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड द्वारा 2002 में मान्यता दी गई थी। अब तक देश भर के विभिन्न विद्यालयों में 2,730 करूंणा केंद्र स्थापित कर करके बच्चों में जीव दया और पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि करुणोत्सव-2023 के दूसरे दिन उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा।

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